कबीरदास की रचनाएँ | Kabir das ki rachnaye in hindi
Kabir das ki rachnaye in hindi: दोस्तों, कवि कबीर दास जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से न सिर्फ केवल मानव जीवन के मूल्यों की बेहतरीन तरीके से व्याख्या की है बल्कि भारतीय संस्कृति, भाषा और धर्म, आदि का भी बेहद अच्छे से वर्णन किया है. कवि कबीर दास जी ने अपनी निचे दी हुई सारी रचनाओं को बेहद आसान भाषा में लिखा है।
कबीरदास की रचनाएँ | Kabir das ki rachnaye in hindi
कबीरदास जी का प्रमुख ग्रंथ बीजक है ।
जिसके तीन भाग है
- साखी
- सबद
- रमैनी
अन्य कृतियों में
- अनुराग सागर
- साखी ग्रंथ
- शब्दावली
- कबीर ग्रंथावली
कबीर दास जी की मुख्य रचनाएं – Kabir Poems in Hindi
कबीर दास जी की रचनाएं – भाग 1
• साधो, देखो जग बौराना – कबीर
• कथनी-करणी का अंग -कबीर
• करम गति टारैनाहिंटरी – कबीर
• चांणक का अंग – कबीर
• नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार – कबीर
• मोको कहां – कबीर
• रहना नहिंदेसबिराना है – कबीर
• दिवाने मन, भजन बिना दुख पैहौ – कबीर
• राम बिनु तन को ताप न जाई – कबीर
• हाँ रे! नसरलहटिया उसरी गेलै रे दइवा – कबीर
• हंसा चललससुररिया रे, नैहरवाडोलम डोल – कबीर
• अबिनासीदुलहा कब मिलिहौ, भक्तन के रछपाल – कबीर
• सहज मिले अविनासी – कबीर
कबीर दास जी की रचनाएं – भाग 2
• मोको कहां ढूँढे रे बन्दे – कबीर
• चितावणी का अंग – कबीर
• कामी का अंग – कबीर
• मन का अंग – कबीर
• जर्णा का अंग – कबीर
• निरंजन धन तुम्हरो दरबार – कबीर
• सुगवापिंजरवाछोरि भागा – कबीर
• ननदी गे तैं विषम सोहागिनि – कबीर
• भेष का अंग – कबीर
• सम्रथाई का अंग – कबीर
• मधि का अंग – कबीर
• सतगुर के सँग क्यों न गई री – कबीर
• उपदेश का अंग – कबीर
• करम गति टारैनाहिंटरी – कबीर
• भ्रम-बिधोंसवा का अंग – कबीर
• पतिव्रता का अंग – कबीर
कबीर दास जी की रचनाएं – भाग 3
• समरथाई का अंग – कबीर
• पाँच ही तत्त के लागलहटिया – कबीर
• बड़ी रे विपतिया रे हंसा, नहिरागँवाइल रे – कबीर
• अंखियां तो झाईं परी – कबीर
• कबीर के पद – कबीर
• जीवन-मृतक का अंग – कबीर
• नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार – कबीर
• धोबिया हो बैराग – कबीर
• तोर हीरा हिराइल बा किचड़े में – कबीर
• घर पिछुआरीलोहरवा भैया हो मितवा – कबीर
• सोना ऐसनदेहिया हो संतो भइया – कबीर
• बीत गये दिन भजन बिना रे – कबीर
• चेत करु जोगी, बिलैयामारै मटकी – कबीर
• अवधूतायुगनयुगन हम योगी – कबीर
• रहली मैं कुबुद्ध संग रहली – कबीर
• कबीर की साखियाँ – कबीर
• बहुरिनहिंआवना या देस – कबीर
कबीर दास जी की रचनाएं – भाग 4
• भजो रे भैया राम गोविंद हरी – कबीर
• का लैजैबौ, ससुर घर ऐबौ – कबीर
• सुपने में सांइ मिले – कबीर
• मन मस्त हुआ तब क्यों बोलै – कबीर
• तूने रात गँवायी सोय के दिवस गँवाया खाय के – कबीर
• मन मस्त हुआ तब क्यों बोलै – कबीर
• साध-असाध का अंग – कबीर
• दिवाने मन, भजन बिना दुख पैहौ – कबीर
• माया महा ठगनी हम जानी – कबीर
• माया का अंग – कबीर
• काहे री नलिनी तू कुमिलानी – कबीर
• गुरुदेव का अंग – कबीर
• नीति के दोहे – कबीर
• बेसास का अंग – कबीर
• सुमिरण का अंग – कबीर
• केहिसमुझावौ सब जग अन्धा – कबीर
• मन ना रँगाए, रँगाए जोगी कपड़ा – कबीर
कबीर दास जी की रचनाएं – भाग 5
• मेरी चुनरी में परिगयो दाग पिया – कबीर
• कबीर की साखियाँ – कबीर
• मुनियाँपिंजड़ेवाली ना, तेरो सतगुरु है बेपारी – कबीर
• अँधियरवा में ठाढ़ गोरी का करलू – कबीर
• अंखियां तो छाई परी – कबीर
• ऋतु फागुन नियरानी हो – कबीर
• घूँघट के पट – कबीर
• साधु बाबा हो बिषयबिलरवा, दहियाखैलकै मोर – कबीर
• घूँघट के पट – कबीर
• हमन है इश्क मस्ताना – कबीर
• सांच का अंग – कबीर
• सूरातन का अंग – कबीर
• हमन है इश्क मस्ताना – कबीर
• रहना नहिंदेसबिराना है – कबीर
कबीर दास जी की रचनाएं – भाग 6
• रे दिल गाफिल गफलत मत कर – कबीर
• सुमिरण का अंग – कबीर
• मन लाग्योमेरो यार फ़कीरी में – कबीर
• राम बिनु तन को ताप न जाई – कबीर
• तेरा मेरा मनुवां – कबीर
• भ्रम-बिधोंसवा का अंग – कबीर
• साध का अंग – कबीर
• कौन ठगवा नगरियालूटल हो – कबीर
• रस का अंग – कबीर
• संगति का अंग – कबीर
• झीनी झीनी बीनी चदरिया – कबीर
• रहना नहिंदेसबिराना है – कबीर
• साधो ये मुरदों का गांव – कबीर
• विरह का अंग – कबीर
कबीर दास का जीवन परिचय , कला पक्ष, भाव पक्ष
तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ Kabir das ki rachnaye in hindi के इस आर्टिकल से आपको कबीरदास की रचनाएँ जानने मैं मदत हुई होगी। अगर आपके कुछ सुझाव है तो निचे कमेंट करके जरूर बताइये।
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