पदार्थ किसे कहते है | Padarth Kise Kahte hai?

पदार्थ किसे कहते है? | Padarth Kise Kahte hai?

पदार्थ किसे कहते है? | 

पदार्थ एक वस्तू ही है जो एक निश्चित स्थान लेती है। वस्तू जीसका द्रव्यमान है उसे हम पदार्थ कह सकते है। पदार्थ का अनुभव हमारे ज्ञानेंद्रिय की मदत से किया जा सकता है। तो पदार्थ की और एक व्याख्या बनती है, जिस वस्तू का ज्ञान हमारे ज्ञानेंद्रिय के द्वारा अनुभव के मध्यम से होता है उसे पदार्थ कहते है।

ADVERTISEMENT

लकडी, पत्थर, तेल, पाणी, वायू यह पदार्थ के कुछ चुनिंदा उदाहरण है। आपके सामने जो भी चीज अभि है उसे आप पदार्थ कह सकते है।

पदार्थ के वर्गीकरण

पदार्थ को मुख्यतः दोन प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है। भौतिक संरचना के अनुसार पदार्थ का भौतिक वर्गीकरण और रासायनिक संरचना के अनुसार पदार्थ का रासायनिक वर्गीकरण किया जाता है। हम एक एक करके दोनो वर्गीकरण को समझते है।

ADVERTISEMENT

पदार्थ का भौतिक वर्गीकरण

पदार्थ एक वस्तू है। वस्तू को पदार्थ कहने के लिये उसे कुछ लक्षण दिखाना जरुरी होता है। उसमे से भौतिक रूप के अनुसार ही पदार्थ को 3 अलग अलग भागो मे बाटा गया है। इस वर्गीकरण को पदार्थ की भौतिक अवस्था के नाम से भी जाना जाता है।

पदार्थ की 3 मुख्य भौतिक अवस्था 

ADVERTISEMENT
पदार्थ की 3 मुख्य भौतिक अवस्था 
पदार्थ की 3 मुख्य भौतिक अवस्था
  1. ठोस – ठोस को अंग्रेजी भाषा मे Solid (सॉलिड) कहते है। ठोस यह पदार्थ की ऐसी भौतिक अवस्था है जिसमे पदार्थ को उसका आकार (Shape) और आयतन (Volume) होती है।

उदाहरण- लकडी, लोहा, पुस्तक, पत्थर, बर्फ आदि.

ठोस पदार्थ को वैज्ञानिक भाषा मे समझाये तो हर एक पदार्थ कण की माध्यम से बनता है। ठोस पदार्थ भी कण के माध्यम से बनते है। ठोस पदार्थ के कण एक दुसरे से करिबी होते है और उनके दरम्यान अनताराणूक बल अधिक होता है। इस बल के कारण कण एक दुसरे के साथ बंधे होते है। इसी कारणवश ठोस पदार्थ को घनता मतलब आयतन और आकार होता है।

Mahadevi Verma Ki Rachnaye

ठोस पदार्थ के गुण | Properties of Solids in Hindi

  1. ठोस पदार्थ ऐसें पदार्थ है जिनको आयतन और आकार निश्चित होता है।
  2. ठोस पदार्थ असमपीडता यह गुण दिखाते है।
  3. ठोस पदार्थ मे विसरण का प्रमाण बहुत कम होता है।
  4. ठोस पदार्थ मे यांत्रिकीय सामर्थ्य होता है। जिसे दृढता भी कहा जाता है।
  5. ठोस पदार्थ मे कण जिसे परमाणू, अणू और आयन कहते है वह संकुचित होते है। कण संकुचित होने का कारण उनका एक दुसरे के साथ बंधा हुआ बल है।
  6. कण बंधे होने के कारण कभी उनकी अव्यवस्थित गती नही होती।
  7. अंतराणूक बल उनको एक जगह पर टिकाया रखता है। इस बल की प्रबलता जादा होती है।
  1. द्रव – द्रव को अंग्रेजी भाषा मे Liquid (लिक्विड) कहते है। भौतिक विज्ञान के अनुसार द्रव को तरल मतलब Fluid(फ्लूईड) भी कहा जाता है। द्रव पदार्थ का ऐसा रूप है जिसको आकार (Shape) नही होता है लेकीन इस पदार्थ को आयतन (Volume) होता है। द्रव पदार्थ का आयतन हमेशा एक ही मतलब सेम रहता है।

उदाहरण- पाणी, दूध, पारा, पेशाब, शराब, तेल, आदि.

आकार एक जैसा न होने के कारण यह पदार्थ अपना आकार जिस वातावरण मे है उसके अनुसार बदलता है। सरल भाषा मे बताये तो आप जिस भी आकार के वस्तू मे उसे रखोगे उसके अनुसार यह द्रव आकार लेगा।

द्रव पदार्थ के गुण – Properties of Liquid in Hindi

  1. द्रव पदार्थ का आयतन (Volume) निश्चित होता है।
  2. द्रव पदार्थ को निश्चित आकार (Shape) नही होता है।
  3. द्रव पदार्थ उसके वातावरण के अनुसार वस्तू के अनुसार अपना आकार बदलता है।
  4. द्रव पदार्थ के कण ठोस पदार्थ के कणो के मुकाबले आपस मे कम बल के साथ बंधे होते है। लेकीन कण ज्यादा भी दूर नही होते।
  5. द्रव पदार्थ को उसके Boiling Point मतलब क्कथनांक तक गरम किया जाये तो परमाणू के अंदर वाला बल कम होता है। जिसके कारण द्रव का रूपांतरण गैस स्थिती मे हो जाता है। 
  1. गॅस (वायू) – गॅस को अंग्रेजी भाषा मे Gas (गॅस) ही कहते है। पदार्थ की यह तिसरी अवस्था है। इस अवस्था मे पदार्थ को कोई निश्चित आकार और आयतन नही होता है। हमने उपर द्रव मे देखा की वह पदार्थ को आकार उसके वातावरण के वस्तू के अनुसार देता है लेकीन गॅस मे सिर्फ आकार ही नही बलकी आयतन भी जिस कंटेनर मे उसे रखा जायेगा उसके अनुसार बदलता है।

उदाहरण- हवा, ऑक्सिजन, कार्बन डायॉक्साईड, आदि.

गॅस पदार्थ के गुण – Properties of Gas in Hindi

  1. गॅस पदार्थ को आकार न होने के कारण उन्हे कम्प्रेस करके द्रव्य के रूप मे लाया ज सकता है, उसके कारण गॅस को द्रव्यमान होता है।
  2. गॅस पदार्थ के कण एक दुसरे से काफी दूर होते है।
  3. कणो मे कोई आकर्षण बल ना होने के कारण यह कण अव्यवस्थित रूप से घुमते रहते है।
  4. गॅस को आकार और आयतन मतलब Shape और Volume निश्चित नही होता है। कंटेनर के अनुसार इसमे बदलावं होते है।
  5. गॅस पदार्थ का आयतन कम्प्रेशन के बाद कम किया जाता है।

पदार्थ की दो अन्य अवस्था – 2 More Types of Matter in Hindi

  1. प्लाजमा (Plasma)

प्लाजमा यह गॅस ही है लेकीन इसमे कुछ गॅस से बढकर गुण है। प्लाजमा एक आयनीत गॅस है। इस गॅस मे निगेटिव्ह आयन और पोसिटीव्ह आयन की संख्या समान होती है। गॅस से अलग प्रकार होने के कारण इसे एक अलग अवस्था मे स्थान मिला है।

प्लाजमा मे कण होते है उन्हे विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र से परिणाम होता है। बाकी गॅस इन क्षेत्र से प्रभावित नही होते। गॅस के समान उन्हे आयतन और आकार नही होता है।

  1. बोस आईन्स्टाईन कंडेनसेट (Bose Einstein Condensate)

पदार्थ के कण दो मुख्य रूप मे विभाजित है। एक फर्मीयन कण और दुसरे बोसोनस कण। इलेट्रोन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर फर्मीयन बनाते है और अनेक फर्मीयन एक साथ मिलकर बोसोन्स बनाते है।

इस थेअरी को सुरेंद्रनाथ बोस ने 1924 मे सामने लाया था और उनके नाम से ही इस अवस्था को बोस आईन्स्टाईन कंडेनसेट कहते है।

पदार्थ का रासायनिक वर्गीकरण

रासायनिक प्रक्रिया कव आधार पर पदार्थ कॉ 2 मुख्य रूप मे वर्गीकृत किया है।

  1. शुद्ध पदार्थ (Pure)

एक ही प्रकार के घटको के अनुसार बनने वाले पदार्थ को शुद्ध पदार्थ कहते है। इसमे किसीं भी प्रकार से अन्य प्रकार के घटक नही पाये जाते।

उदाहरण- लोह, सोना, जल, आदि.

शुद्ध पदार्थ को उसके निर्माण और विभाजन के अनुसार मुख्य 2 प्रकार मे बाटा गया है।

तत्व- तत्व यह मूल पदार्थ है। मूल पदार्थ मतलब न तो तत्व बनाने का काम किसीं दो अन्य पदार्थ के संयोग से होता है और न तो किसीं रासायनिक या भौतिक क्रिया से इस पदार्थ को दो या दो से अधिक पदार्थ मे विभाजित किया जा सकता है।

तत्व का सरल भाषा मे अर्थ है खुद ही मूल पदार्थ होना। अगर तत्व को रासायनिक क्रिया से विभाजित किया जाये तो उसमे फिर वही पदार्थ मिलेगा। एक ही प्रकार के कण के माध्यम से तत्व का निर्माण होता है।

यौगिक – तत्व से यह अलग है। इसमे दो या दो से अधिक पदार्थ एक निश्चित अनुपात मे रासायनिक संयोग करते है। उनके दरम्यान होने वाली रासायनिक क्रिया के चलते ही इस उत्पाद का निर्माण होता है। अगर किसीं रासायनिक क्रिया का अवलंब किया जाये तो इस पदार्थ को दो या दो से अधिक पदार्थ मे विभाजित किया जा सकता है।

इसका सबसे अच्छा उदाहरण है जल, जल का निर्माण हायड्रोजन के 2 अणू और ऑक्सिजन का एक अणू रासायनिक संयोग करके करते है। पाणी मतलब जल को हायड्रोजन और ऑक्सिजन के रूप मे अलग भी किया जा सकता है।

यौगिक पदार्थ के Organic Compound (कारबन यौगिक) और Inorganic Compound (आकार्बन यौगिक) यह मुख्य दो रूप है। कार्बन यौगिक मे कार्बन और हायड्रोजन के पदार्थ आते है और बाकी सब आकार्बन यौगिक पदार्थ है।

  1. अशुद्ध पदार्थ (impure)

पदार्थ जिसमे एक से जादा प्रकार के घटक होते है उसे अशुद्ध पदार्थ कहते है। इसका सबसे सही उदाहरण है अपणे वातावरण मे जो वायू है वह ऑक्सिजन, कार्बन डायॉक्साईड और नायट्रोजन जैसे अनेक गॅस से बनी हुई है। कोल्ड ड्रिंक्स मे परफॉरेटेड गॅसेस का प्रमाण होता है। यह भी अशुद्ध पदार्थ का उदाहरण है।

कोई भी मिश्रन एक अशुद्ध पदार्थ है। मिश्रण को अगर वैज्ञानिक भाषा मे समझा जाये तो मिश्रण एक से जादा घटक किसीं भी मात्रा मे मिलके बनते है। इसमे कोई भी रासायनिक क्रिया का होना अनिवार्य नही है।

ठोस पदार्थ मे कोई भी ऍलोय (Alloy) एक मिश्रण ही है। उदाहरण मे पितल यह तांबा और जस्त धातू का मिश्रण है।

पदार्थ की भौतिक अवस्था बदल

पदार्थ अपनी भौतिक अवस्था कॉ बदल सकते है जिसे भौतिक अवस्था परिवर्तन कहते है। अणू की ऊर्जा मे होने वाले बदल भौतिक अवस्था मे परिवर्तन के लिये कारण बनते है।

अगर हम जल का उदाहरण लेते है तो जल हमे 3नो भौतिक अवस्था मे देखने कॉ मिलता है। जैसे की बर्फ भी जल का ठोस रूप है, खुद जल यह द्रव रूप है और भाफ यह जल का वायू या गॅस रूप है।

भौतिक अवस्था मे परिवर्तन के लिये कुछ वैज्ञानिक संज्ञा पता होना जरुरी है। आइये वैज्ञानिक संज्ञा के विषय मे चर्चा करते है।

गलनांक (Melting Point)- मेलटिंग पॉईंट

पदार्थ को वायूमंडल मानक दाब मे जिस तापमान पर ठोस अवस्था से द्रव अवस्था मे परिवर्तित किया जाता है उस तापमान को मेलटिंग पॉईंट कहते है। मेलटिंग का मतलब है अणू एक दुसरे से अलग होना और उसका आकार बदलना।

हिमांग (Freezing Point) – फ्रीझिंग पॉईंट

पदार्थ को वायूमंडल के मानक दाब मे जिस तापमान पर द्रव अवस्था से ठोस अवस्था मे परिवर्तित किया जाता है उस तापमान को हिमांग कहते है। हिमांग मे अणू के अंदर का आकर्षण बल बढता है और ऊस पदार्थ कॉ एक आकार प्राप्त होता है।

क्वथनांक (Boiling Point) – बॉयलिंग पॉईंट

पदार्थ को वायूमंडल मानक दाब मे जिस तापमान पर द्रव अवस्था से बाष्प अवस्था मे परिवर्तित किया जाता है उस तापमान को क्वथनांक कहते है। क्वथनांक मे आकर्षण बल और भी कम हो जाता है जिसके कारण अणू अव्यस्थित रूप से इधर उधर भागते है।

द्रवनांक (Liquefaction Point) – लिक्विफेक्शन पॉईंट

पदार्थ को वायूमंडल मानक दाब मे जिस तापमान पर बाष्प अवस्था से द्रव अवस्था मे परिवर्तित किया जाता है उस तापमान को द्रवनांक कहते है। द्रवनांक मे आकर्षण बल को कम्प्रेशन के माध्यम से बढाया जाता है।

पाणी याने की जल हा बॉयलिंग पॉईंट 100 डिग्री सेल्सियस है। पाणी का फ्रीझिंग पॉईंट 0 डिग्री सेल्सियस है।

तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ Padarth Kise Kahte hai पे हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपको कुछ doubts है तो निचे कमेंट करके जरूर बताइये।